मेरी 16 साल की दुल्हन मेरे बेड पर बैठी हुई थी अभी उसके पीरियड्स होते हुए एक महीना नहीं हुआ था और उस लड़की की शादी मेरे साथ कर दी गई थी वह बहुत छोटी और मासूम थी

Mastani Story में आपका स्वागत है! दिलचस्प कहानियाँ, नए मोड़ और रोमांच से भरी दुनिया के लिए तैयार हो जाइए! मेरी 16 साल की दुल्हन मेरे बेड पर बैठी हुई थी अभी उसके पीरियड्स होते हुए एक महीना नहीं हुआ था और उस लड़की की शादी मेरे साथ कर दी गई थी वह बहुत छोटी और मासूम थी तो मैं उसके करीब जाकर बैड पर बैठा उसके होठों पर हाथ रखा तो वह उछलकर एकदम बैड के उस साइड में चली गई और मुझसे कहने लगी यह क्या बदतमीजी है मैंने तो सुना था कि पति शादी के रात दुल्हन को गिफ्ट देता है और लाइट बद हो जाती है फिर सुबह हो जाती है लेकिन तुम यह सब मेरे साथ आप क्या कर रहे हो तो मैंने कहा असल खेल तो शादी के रात लाइट बद होने के बाद होती है मेरी यह बात सुनकर वह थोड़ा डर भी गई थी अब मुझे भी अपने जज्बात पर काबू रख पाना बहुत मुश्किल लग रहा था इसलिए जल्दी लाइट बद कर दी और उसको बालों से खींच कर उसे अपने पास किया फिर उस पर अपना मेरी मर्जी के खिलाफ मेरे घर वालों ने मिलकर मेरी यह शादी करवा दी थी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था कि मैं किसी और को पसंद करता था मैं अभी इसलिए शादी नहीं करना चाहता था क्योंकि नीलम की उम्र अभी बहुत कम थी मेरे घर वालों ने उस लड़की की उम्र तक नहीं देखी थी इतनी कम उम्र की लड़की से मेरी शादी करवाना चाहते थे मैं इतनी कम उम्र की लड़की से शादी नहीं करना चाहता था लेकिन घर वालों ने मेरी एक नहीं सुनी क्योंकि हम अपने मां-बाप के दो ही बेटे थे और हम दोनों भाई की बचपन में ही शादी तय हो गई थी हम राजस्था नसे सबद रखते थे वहां पर यह आम बात थी कि बड़े बूढ़े बचपन में ही शादी तय कर दिया करते थे और नीलम तो मेरी भा भाभी की बहन थी मेरी सुषमा भाभी की बहन नीलम से मेरी शादी हो गई थी अब इस वक्त मेरे कमरे में नीलम दुल्हन बनी बेड पर बैठी थी मैंने उसे जैसी कृष्णा कहा और बेड पर जाकर बैठ गया मैं पहले शादी तो नहीं करना चाहता था लेकिन शादी के बाद मुझसे कंट्रोल नहीं हो पा रहा था मेरे जज पाद पर काबू रख पाना अब मुझे बड़ा मुश्किल लग रहा था मैंने जैसे ही करीब जाकर उसके नरम मुलायम गुलाबी होठों पर अपनी उगली फेरनी शुरू की तो मेरी उगली उसके होठों पर लगते ही उसके होठ कांपने लगे थे तो उसने ने झटके से मेरा हाथ पीछे किया और मुझसे कहने लगी यह क्या बेशर्मी है तुम अपना हाथ पीछे करो मैंने भी शक्ति से बोल दिया मैं क्यों करू अपना हाथ पीछे अब पत्नी बन चुकी हो मेरी वैसे भी बहुत शौक था ना तुम्हें मुझसे शादी करने का औरस स्टेज पर तो बड़ा मुस्कुरा मुस्कुरा कर बैठी हुई थी अब तुम्हें भी तो पता चले कि शादी के रात पति अपनी पत्नी के साथ और क्या-क्या करता है आज तो मैं तुम्हें ऐसा मजा चखाओ होश तो तुम्हारे जब उड़ेगे जब मैं तुम्हारे बेहद करीब आकर यह सब कुछ मैं उससे कह रहा था कि मेरी बातें सुनकर वह बहुत घबरा गई और कहने लगी देखो मैं ऐसी ब हूं दा बातें सुनना पसंद नहीं करती मुझे ऐसी बेशर्मी बिल्कुल भी पसंद नहीं इसलिए तुम मेरे करीब आने की कोशिश मत करना यह कहकर वह बैड से खड़ी हो गई और वह बहुत घबरा रही थी मैं भी उसको जोर से पकड़कर खड़ा हो गया मैंने भी कह दिया कि बेशर्मी तो अब शुरू होगी मिस नीलम इस बेशर्मी के लिए तुम अच्छे से तैयार रहना तुम्हें तो पता होगा ना कि शादी के रात और क्या-क्या होता है तो नीलम कहने लगी मुझे भी तो तुम दूध पीती बच्ची ना समझना मुझे भी पता है कि के रात पति क्या करता है यह सुनकर मुझे थोड़ी सी परेशानी हुई मैंने उससे पूछा कि ऐसा भी पति क्या-क्या करता है दुल्हन के साथ जरा मुझे भी तो बताओ जिस तरह वह बोल रही थी मुझे नहीं लगता था कि उसे शादी की रात के बारे में कुछ भी पता होगा कहने लगी शादी के रात तो पति अपनी पत्नी को मोह दिखाई का तोहफा भी देते हैं मैंने कहा उसके बाद क्या होता है तो कहने लगी कि फिर पति एक लबा लेक्चर भी सुनाता है कि मेरे मम्मी पापा का बहुत ख्याल रखना है उनकी बहुत सेवा करनी है और उनका हर हुकम मानना है वगैरह वगैरह तो मैंने कहा अरे वाह तुम्हें तो इतना बड़ा लेक्चर भी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी मुझे तुम्हें तो सब पता है कम उम्र में ही बहुत समझदार हो तुम हां समझदार तो मैं हूं मुझे यह भी पता है कि अपने सास ससुर को अपने काबू में कैसे करना है यह सुनकर तो मुझे बहुत यादा है रानी हुई और है रान भरी नजरों से उसकी तरफ देखने लगा फिर उसके इस बात पर मैंने अपना सर हिलाया और उसे कहने लगा अच्छा चलो तुम्हें सब कुछ पता है लेकिन उसके बाद क्या होता है तो वह कहने लगी लाइट बंद हो जाती है और सुबह हो जाती है बस इतना ही मैंने सीरियल में देखा है उसकी बात सुनकर मैं बहुत मन ही मन मुस्कुराया था फिर मैं उसका हाथ पकड़कर अपने पास खींच लिया और उससे कहने लगा असल खेल तो शादी के रात लाइट बद होने के बाद शुरू होती है और मैं उसे और ज्यादा डराना चाहता था अपने सख्त हाथों से उसके बोरे जिस्म पर अपना हाथ घुमाने लगा अपने जिस्म पर मेरा हाथ में महसूस करके कुछ घबरा रही थी वो मेरी बातें सुनकर हिचकिचाना लगी थी फिर मैंने उसे कहा कि तुम अपना कपड़ा चेज तो करो मेरी छोटी सी जान फिर तुम्हें सब कुछ बताता हूं मैंने उसके गाल पर धीरे से चुटकी काटी और कहा तो बहुत ज्यादा घबरा रही थी फिर मैंने उसे अलमारी में से एक नाइट सूट निकाल कर दी और कहा यह पहन लो और वह नाइटी लेकर वॉशरूम में चली गई चेज करके आई तो मेकअप धूल चुका था और वह उस बारीक जालीदार नाइटी में और ज्यादा खूबसूरत लग रही थी उसका अप पूरा बदन उस नाइटी में से झलक रहा था फिर वह अपने खुले बालों की चोटियां बनाने लगी थी तो मैंने उसे कहा कि तुम खुले बालों में ही बहुत खूबसूरत लग रही हो बालों को खुला ही रहने दो तुम्हारे खुले बाल बहुत अच्छे लग रहे हैं फिर उसको बाजू से कसक पकड़ लिया था और उसे बेड पर ले आया उस वक्त कमरे में घुप अंधेरा था मैंने कहा मिस नीलम अब तुम तैयार हो ना क्योंकि असल खेल तो अब शुरू होने वाला है वह तो मेरी बात सुनकर बहुत घबरा रही थी और कहने लगी नहीं मुझे बहुत डर लग रहा है है और तुम अभी से ही क्यों इतना डर रही हो मैंने तो अभी कुछ भी नहीं किया है और तुम अभी से इतना डर रही हो जब तुम्हारे साथ वे सब कुछ करूंगा तो तुम्हारा क्या हाल होगा तब तो तुम्हारी पूरी दुनिया घूमती हुई नजर आएगी शादी बिया कोई गुड्डे गुड़िया का खेल थोड़ी है बहुत कुछ सहना पड़ता है एक लड़की को मैं उसे डराना चाहता था बजाए उसे भरोसा देता मैं उसे शादी के रिश्ते से बहुत ज्यादा डरा देना चाहता था ताकि नीलम नाम की लड़की अपनी शादीशुदा जिंदगी से इतना डर जाए कि घर ही ना बसा सके और मैं अपने घर वालों पर यह साबित कर सकूं एक ही घर से दो बहनों को लाना उनका गलत फैसला था व बेहद नर्वस थी चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई थी वह कहने लगी नहीं भाई मुझे लाइट बद नहीं करनी मैं लाइट जलाकर ही सगीत पकड़ लिए मैंने कहा ऐसे कैसे नीलम यूं तो नहीं होगा ना जाने मन लाइट तो बद करनी पड़ेगी ना आखिर तुम्हें लाइट बद करने के पीछे की कहानी भी तो पता चलनी चाहिए कि क्या होती है शादी के रात लाइट बद करके बहुत शौक था ना तुम्हें अच्छे कपड़े जेवर मोह दिखाए महंगे तोहफे फिर यह सब देखने में बहुत अच्छा लगता है लेकिन असल हकीकत कुछ और होती है और वह मैं तुम्हें आज बताऊंगा मैंने बल बद किया और बड़ी जोर से उसकी कलाई पकड़ी उसे अपने करीब किया जैसे ही उसे अपने सीने से लगाया और उसको जोर से भीज वह चिल्ला उठी जल्दी से वह मुझसे पीछे हट गई और बल भी ऑन कर दिया कहने लगी मुझे अपनी दीदी के पास जाना है वह बेहद घबरा चुकी थी अब तो आंसू भी बहाने लगी थी मेरा मकसद भी पूरा हो गया था मैं उसे डराना ही चाहता था मैंने कहा चलो चलो नखरे मत दिखाओ लेटो यहां वरना तुम्हारे साथ जोर जबरदस्ती भी करूंगा अभी मैं प्यार से तुमसे बात कर रहा हूं जबकि मैंने उसे बड़ी जोर से अपने सीने से जकड़ लिया था वो जल्दी से उठ खड़ी हुई और कमरे से बाहर चली गई उसने मेरे बड़े भाई का दरवाजा बुरी तरह से खटखटाया मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट फैल गई थी बहुत शौक था ना मेरे भाई को शादी का और उनकी खुदगर्जी का उन्हें मुंह तोड़ जवाब मिलेगा रमेश भाई के साथ-साथ मेरे मां-बाप के कमरे का भी दरवाजा खुला वह भी कमरे के दरवाजे पर खड़े हो गए वह बहुत जोर-जोर से रोए जा रही थी कहने लगी दीदी मुझे आप के साथ ही सोना है और भाभी के सीने से लगकर बहुत जोर से रोए जा रही थी कहने लगी दीदी मुझे आपके साथ ही सोना है रमेश भाई का मुह है रानी से खुला का खुला रह गया मेरी भाभी नीलम के रोने से परेशान थी कहने लगी क्या हुआ तुम्हें नीलम कहने लगी मैं नरेश के कमरे में नहीं सोगी भाभी उससे वजह पूछने लगी लेकिन वह क्या वजह बताती उसने कुछ नहीं बताया नीलम तो भाभी के कमरे में चली गई और बेड पर जाकर बैठ गई मेरी मां कहने लगी नरेश उसे क्या हुआ है शादी के रस्मों पर तो वह बहुत खुश लग रही थी मैंने कहा बहुत शौक था ना आप लोगों को छोटी उम्र की लड़की से शादी करने का अब देख लीजिए उसका बचपना हाथ पकड़ा नहीं कि शोर मचाना शुरू कर दिया संभालिए अब खुद उसे यह कहकर मैं अपने कमरे में आकर बेड पर लेट गया और सुकून की गहरी सांस ली उससे पहले कि मैं सोता मेरा भाई रमेश बड़े गुस्से से तकिया पकड़े मेरे कमरे में जोर से तकिया बैड पर फेंका और बैठ गया जब मैंने पलटकर उसकी तरफ देखा कहने लगा हाथ हल्का नहीं रख सकते थे अपने पत्नी पर मैंने कहा कि मैंने बस हाथ पकड़ा था भाई अब क्या हाथ भी ना पकड़ता मुझे क्या पता था वो इतना तमाशा खड़ा कर देगी वो कहने लगे मेरी रात काली हो गई तुम्हारी वजह से मैंने कहा मैंने क्या किया है मेरी क्या गलती है अरे जब 14 साल की लड़की को दुल्हन बनाकर कमरे में भेजोगे तो यह सब कुछ तो होगा ही ना एक पैसे की अकल नहीं उस लड़की के अदर व तो शादी बस इसलिए कर रही थी कि मोह दिखाई में महंगे महंगे तोहफे मिलेंगे नए-नए कपड़े पहनूगी उसे थोड़ा बहुत भी नहीं मालूम था कि शादी क्या होती है रात आपकी नहीं मेरी भी तो काली हो गई है इसलिए आप चुपचाप सो जाइए यह कहकर मैंने बल्ब ऑफ किया और सो गया लेकिन भाई को तो शायद नींद नहीं आ रही थी मेरा भाई करवट पर करवट बदले जा रहा था मैंने कहा भाई सुकून से सो जाओ और मुझे भी सोने दो कहने लगा मुझे नींद नहीं आ रही बदतमीज कहीं का पत्नी को कुछ वक्त नहीं दे सकता था मेरी रात तो काली ना होती मैंने दिल में कहां आपके साथ तो ऐसा ही होना चाहिए खुद तो शादी किए किए मेरी भी करवा दी में रोता रहा कहता रहा भाई मेरे लिए मां से बात करो मुझे अभी शादी नहीं करनी लेकिन नहीं अब मजा आ रहा है ना जब पत्नी के बगैर शादी की रात गुजारनी पड़ेगी बहुत अच्छा हुआ यह शुरुआत है देखिए तो सही उस नादान लड़की को मैं कितना डराता हूं रोज आकर आपके कमरे में ही सोएगी और आप यहां मेरे कमरे में मैंने दिल में इरादा कर लिया ताकि अपने मां-बाप की उस बात को झुट कर रख दूंगा कि एक घर से दो बहने नहीं लानी चाहिए और मेरे इस व्यवहार से अगली सात पुस्तो तक कोई भी यह गलती नहीं करेगा फिलहाल अगली सुबह सुषमा भाभी और नीलम दोनों ही कमरे से एक साथ बाहर आई थी मम्मी नाश्ता बनाकर रख चुकी थी मेरे भाई का मूड बड़ा खराब था बारबार बार सुषमा भाभी को देख रहे थे वह बेचारी नजरें चुरा रही थी जैसे वह कह रही हो मेरी क्या गलती है नीलम जब भी मुझे देखती तो मैं उसे घूरने लगता जल्दी से मुझसे घबराकर नजरें नीचे कर लेती मैं चाहता था कि उसके दिल में अपना डर बैठा दूं कि वह मेरे करीब ही ना आए और मेरे कमरे में आने की कोशिश ही ना करें मैं तो अपने दिल में बहुत खुश हो रहा था और मुझे तसल्ली भी थी अब यह लड़की मेरे कमरे में नहीं आने वाली पूरा दिन वह भाभी के कमरे में रही और मेरा भाई पूरा दिन आगन में जले पैर की बिल्ली की तरह चक्कर पर चक्कर काट रहा था दो घड़ी उनको भी अपनी पत्नी के साथ नसीब नहीं हुआ लेकिन मैं बड़ा खुश था और बड़े मजे से अपने कमरे में फिर रहा था दिल किया तो दोस्तों में चला गया चार दिन के बाद इन दोनों बहनों का पग फेरा भी था आज हम दोनों भाइयों की शादी का छठा दिन था हमारे घर पर मेरे ससुराल वाले आए थे आज रमेश भाई बड़े तैयार होकर बैठे थे उन्हें देखकर मेरी हंसी नहीं रुक रही थी नीलम मेरे पास बैठी थी मैंने उसका बाजू पकड़ा और जोर से दबा दिया और उसके कान के करीब जाकर कहा अब तो तुम अपने माइक के जा रही हो लेकिन आओगी तो जाओगी कहा इसी तरह कई दिन बीत गए आज हम दोनों भाई अपने ससुराल अपने अपनी पत्नियों को लेने गए थे वापस आने पर फिर से मैंने नीलम को डराया आज क्या करोगी कब तक बचो गी मुझसे आना तो तुमको मेरे कमरे में ही है ना और आज तो तुम वैसे भी बड़ी प्यारी लग रही हो आज तो मैं सही में तुम्हें कच्छा चबा जाऊंगा लेकिन वह आज बिल्कुल चुपचाप गुमसुम सी बैठी थी अब उसकी चचला हट उस एक रात में खत्म हो चुकी थी वह बार-बार मेरे हाथ से अपना हाथ छुड़वाने की कोशिश कर रही थी कुछ देर के बाद मैंने उसका हाथ छोड़ दिया अब हम घर पहुंच चुके थे और भाई ने भाभी को साफ-साफ कह दिया था कि आज चाहे तुम्हारे कमरे का दरवाजा कोई भी पीटे या तोड़ दे तुम दरवाजा नहीं खोलो इसलिए वह नीलम को समझा रही थी कि देखो इस तरह से नहीं करते लेकिन वह अपनी दीदी के दोनों हाथ पकड़कर आगन में बैठी हुई थी वह कहने लगी मुझे नहीं जाना उसके कमरे में मुझे उससे बहुत डर लगता है भाभी उसे समझाने लगी कि ऐसा कुछ भी नहीं होता वह तुमसे मोहब्बत करता है तुम्हें कुछ भी नहीं कहेगा वह कहने लगी आपको नहीं पता उन्होंने मेरे साथ क्या कुछ किया है भाभी उसे पर्दे पर्दे में सब कुछ समझा रही थी अगर शादी के बधन में पति-पत्नी एक साथ होते हैं तो एक जिस्म और एक जान होते हैं इसमें डरने की और कमरे से भागने की कोई बात नहीं होती फिर भी नीलम अपने जिद पर अड़ी रही मैं नहीं जाऊंगी मुझे नहीं करनी कोई शादी वादी मुझे पापा के घर भिजवा दीजिए मैं वहा रह लूगी देखो यह सबब तो नहीं हो सकता ना देखो उस वक्त तो तुम्हें कोई ऐतराज नहीं था तुमने कहा था ठीक है तुम्हें शादी करने से कोई ऐतराज नहीं था वो कहने लगी मुझे क्या पता था यह होता है शादी में मुझे नहीं पता मैं नहीं जाऊगी नरेश के कमरे में रमेश भाई अपने कमरे के दरवाजे के पास हाथ बाधे खड़े भाभी को घोरे जा रहे थे और वह बार-बार नजरें चुराकर नीलम से अपना हाथ छुड़वाने की कोशिश कर रही थी उसे समझा रही थी नरेश तुम्हें कुछ नहीं कहेगा कुछ तो अकल मदी दिखाओ क्या बचपना है नीलम दे देखो इस तरह नहीं होता लेकिन वह रोने लगी कहने लगी नहीं दीदी प्लीज मुझे घर भिजवा दीजिए उस वक्त मैं अपने कमरे में नहीं था दरवाजा खुला हुआ था लेकिन अदर से ही सारा नजारा दिखाई दे रहा था बड़ी मुश्किल से भाभी ने उसे समझा बुझाकर मेरे कमरे तक ले आई लेकिन वह कमरे में नहीं आ रही थी बाहर सोफे पर बैठी अपनी उंगलियां मोड़ी जा रही थी वह बहुत घबरा रही थी जैसे कमरे में आएगी तो उसकी जान निकल जाएगी यह देखकर मैं बड़ा खुश हो रहा था और मुस्कुरा भी रहा था लेकिन मैं नहीं जानता था कि वह इस तरह डर जाएगी वह चुपचाप कमरे में आई मुझसे बात किए बगैर उसने अलमारी खोली उसने कमरे का दरवाजा तक बध नहीं किया अलमारी में से उसने अपना एक कपड़ा निकाला और वॉशरूम में चली गई मैं उसकी एक-एक हरकत को नोट कर रहा था वह बाहर आई तो बिल्कुल सादगी में थी फिर धीरे से अपना तकिया उठाया और चादर उठाकर बाहर जाने लगी मैंने कहा तुम कहां जा रही हो कहने लगी मैं बाहर आगन में सोगस जी है तुम्हारी अच्छा यह लाइट बद कर और दरवाजा बद करके जाना ठीक है वह जल्दी से मान गई यहां तक तो सब कुछ ठीक-ठाक था वह मुझसे कुछ भी नहीं कहती ज्यादातर वक्त उसका भाभी के साथ ही बीता था या फिर मेरी मम्मी के साथ वह उनके साथ बैठी रहती गप्पे छप्पे मार रहती हसती रहती लेकिन जैसे ही मैं ऑफिस से आता मुझे देखकर उसे जैसे साप सूख जाता शायद भाभी ने तो किचन सभा लिया था लेकिन वह महारानी किचन का कोई काम नहीं करती थी बस उसका एक ही काम था मेरी मां के साथ बैठकर बातें करना हंसना और जोक सुनाना पापा भी उसकी कपनी में बड़े खुश होते थे जब सब सो जाते तो वह आगन के सोफे पर आराम से जाकर सो जाते और फिर सुबह सबके उठने से पहले मेरे कमरे में आकर तकिया फेंक देती लेकिन कमरे के अदर नहीं आती थी इसी तरह महीना भर बीत गया पापा ने कहा सबसे पहले हनीमून पर रमेश और सुषमा जाएंगे जब वह वापस आएंगे फिर नरेश और नीलम को भेज देंगे भाई और भाभी तो बहुत खुश थे लेकिन नीलम बड़ी उदास थी वह कहने लगी दीदी आप अभी क्यों जा रही है मुझे भी अपने साथ ले जाइए मैं भी आप लोगों के साथ ही घूम करर आऊंगी मुझे नरेश के साथ नहीं जाना नीलम भाभी उसे समझाते हुए जा चुकी थी अब यह हुआ था कि वह रमेश भाई के कमरे में जाकर सो जाती थी लेकिन मुझे कुछ होने लगा था फिलहाल मेरी पत्नी थी शुरू शुरू में मैंने पापा और भाई की जबरदस्ती शादी की वजह से मैंने यह सब कुछ कर दिया था लेकिन अब दिल चाहता था वोह मेरे कमरे में आए मुझसे बातें करें अब मेरे ही जज्बात उभर रहे थे जो अब तक करने लगे थे लेकिन जिस तरह मैंने उसे डरा चुका था वह मुझे देखते ही डर जाया करती थी एक बार मुझे नींद नहीं आ रही थी मैंने सोचा नीलम से मुझे अपने किए गए व्यवहार की माफी मांग लेनी चाहिए और उसे अपने कमरे में लाना चाहिए उसे प्यार वह सब कुछ दे देना चाहिए जिसकी वह हकदार थी मैं भी कब तक उससे यूं दूर रह सकता था आखिर जो होना था वह तो हो चुका था फिर मैं अपने कमरे से बाहर आया मैंने रमेश भाई के कमरे का लॉक घुमाया तो दरवाजा खुल चुका था मैंने हल्का सा दरवाजे को नॉक किया लेकिन अदर बिल्कुल खामोशी थी मैंने फिर हल्का सा दरवाजे को बजाया लेकिन नीलम ने अदर से कोई रिस्पांस नहीं दिया तो मैंने उस खिड़की को थोड़ा सा खोल दिया वो बेखबर होकर बेड पर सो रही थी उसके बालों की लट हवा में उड़कर उसके चेहरे पर बिखरी हुई थी उसके हुस्न को और भी ज्यादा चार चाद लगा रही थी शायद मेरी ही नजर बदलने लगी थी बस मैंने सोचा बहुत हो चुका मेरा गुस्सा अब खत्म कर लेना चाहिए भी रमेश भाई की तरह अपनी शादीशुदा जिंदगी बिताना चाहता था रमेश भाई को गए हुए अभी ठ दिन हुए थे और अभी आठ दिन के बाद उनको वापस भी आना था फिर मुझे नीलम के साथ जाना था मैं चाहता था इससे पहले नीलम के साथ दोस्ती कर लू मैंने धीरे से नीलम को आवाज दी लेकिन वह बड़ी गहरी नींद में सो रही थी कमरे की खिड़की इतनी बड़ी नहीं थी कि उस खिड़की से अदर जाकर जगा सकता इसलिए मैंने खिड़की के काज को खटखटाया उठो यह भी डर था कहीं मेरी आवाज मां पापा के कमरे में ना चली जाए बड़ी मुश्किल ही सही उसने अपनी आंखें खोली मुझे खिड़की के पास देकर वहां आ गई मुझसे कहने लगी क्या है मैंने कहा क्या रोज-रोज का तमाशा बना लिया तुमने चलो अपने कमरे में आओ लेकिन यह सुनकर वह फिर से घबराने लगी मुझसे कहने लगी मुझे नहीं आना मैं यहां पर ठीक हूं मैंने कहा नीलम अच्छाई एम सॉरी मैं तुम्हारे साथ अब कोई बदतमीजी नहीं करूंगा बस तुम मेरे साथ मेरे कमरे में आओ लेकिन वह नाम सिर हिलाने लगी और कहने लगी नहीं मैं अपने कमरे में आ आकर अब जलने लगा था अपने पाव पर कुल्हाड़ी तो मैंने खुद ही मार ली थी कमरे में खिड़की दरवाजे सब कुछ बद करके सोती थी फिलहाल खाना उसे टेबल पर मेरे साथ ही बैठकर खाना पड़ता मम्मी पापा सामने बैठे हुए थे जैसे ही वह खाना खाने के लिए बैठी थी मैं उसके बराबर वाली कुर्सी पर बैठ जाता जब मेरे भाई भाभी थे तो वह उनके साथ बैठती थी मैंने उसे कहा कि मेरी प्लेट में चावल डाल दो उसने चावल मेरी प्लेट में डाल दिया मैंने अपना पैर उसके पैर के ऊपर रख दिया वह बुरी तरह से चीखी बाकी सी मेरी तरफ देखने लगे मैंने भी उस पर एक नजर डाली वो मेरे बाव की के नीचे से अपना पांव हटाने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसके इस तरह चिल्लाने पर मैंने अपना पैर नहीं हटाया गुस्से से और दबाना शुरू कर दिया अपने पैर का अंगूठा उसके पांव से होता हुआ ऊपर की तरफ ले जाने लगा वह अपना पाव पीछे करती थी फिर मैं उसके पाव तक पहुंच जाता था वह इस तरह नर्वस थी उसने खाना भी ठीक से नहीं खाया था जब से भाभी गई हुई थी सारा काम उसके सर पर आ गया था मां से पूछ पूछ कर खाना भी बना लेती थी और ठीक ही बनाती थी रात को जब सब आगन में थे तो वह किचन में बर्तन धो रही थी मैं चुपचाप किचन में आ गया फ्रिज में से पानी की बोतल निकालकर गिलास में डालकर पीने लगा वह बर्तन धोने में बिजी थी पानी पीने के बाद में उसके बिल्कुल पीछे जाकर खड़ा हो गया और पीछे से उसे अपने बाहों में जकड़ लिया वह बुरी तरह से डरती हुई पीछे हटी मैंने उसका मुंह अपने हाथों से दबा दिया था और अपने बाहो में जकड़ लिया था वह बुरी तरह से उछल रही थी पीछे पलट कर देखने की कोशिश कर रही थी पर मैं उसके कधे पर अपना सर रख चुका था मैंने कहा मुझसे इतना भागती क्यों हो पति हूं तुम्हारा कहने लगी नरेश मुझे छोड़ो प्लीज मैंने कहां शराफत से आज मेरे कमरे में आ जाना वैसे भी कल भाभी और भाई वापस आ रहे हैं फिर तो तुम्हें मेरे साथ ही हनीमून पर जाना पड़ेगा फिर वहां क्या करोगी नीलम अगर आज तुम मेरे कमरे में नहीं आई तो कल तो तुम्हें आना ही पड़ेगा याद रखना गिन गिन कर बदला लूंगा तुमसे पता नहीं क्यों मैं हमेशा उसे इस तरह अकड़ करर बात क्यों करता था मेरा कहना था कि वोह चिल्लाने लगी मैंने जल्दी से उसे छोड़ दिया मम्मी पापा दोनों किचन में आ गए कहने लगे क्या हुआ तो कहने लगी कोकरे हैं मां कहने लगी कहां है कहने लगी अभी सेल पर था पता नहीं कहां गया मैं समझ गया मुझसे पीछा छुड़ाने के लिए उसने यह सब कुछ किया था मैं गुस्से से अपने कमरे में चला गया अगले दिन भाभी और भाई आ गए थे अब तो हमारी शादी को दो महीने बीत चुके थे लेकिन मिस नीलम थी कि मेरे काबू में नहीं आ रही थी सबके सोने के बाद वह आगन में तकिया रखकर लेट जाती थी तभी मैं कमरे से बाहर आया उसकी कलाई पकड़ी मैंने कहा शराफत से कमरे में चलो कहने लगी मैंने नहीं जाना अगर आपने जबरदस्ती की तो मैं चिल्लाना शुरू कर दूंगी मैंने कहा ठीक है शौक से चिल्लाओ यह कहकर मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया था और जबरदस्ती उसे कमरे में ले आया और लाइट बंद कर दी उसे बैड तक लाया ही था कि रमेश भाई की दरवाजा खटखटाने की आवाज आई और वह मां का दरवाजा खटखटा रहे थे माने दरवाजा खोला तो कहने लगे सुषमा की तबीयत बहुत ज्यादा ज्यादा खराब है मां आकर देखिए उसे क्या हुआ है बात कुछ ऐसी थी कि मुझे नीलम को छोड़ना पड़ा वह भी जल्दी कमरे से बाहर निकल गई भाभी की उल्टी नहीं रुक रही थी बेहाल हो चुकी थी मेरी मां ने नीलम से कहा जाओ नींबू पानी बनाकर लाओ वो नींबू पानी बनाकर लाई भाभी को पिलाया फिर उसे डॉक्टर के पास ले गई तब मालूम हुआ कि भाभी प्रेग्नेंट हो चुकी थी लेकिन डॉक्टर ने बैड रेस्ट बताया था खुशी की खबर तो थी इसलिए मैं भी खुश था कि चलो चाचू बन जाओगा इसलिए अब हमारा हनीमून तो कैसल हो चुका था क्योंकि सारे काम की जिम्मेदारी नीलम पर पड़ चुकी थी भाभी को कमरे तक खाना भी वही लेकर जाती थी संभालती भी वही थी क्योंकि उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती थी पूरा दिन वह घर में घन चक कर बनकर रह जाती थी अब तो मुझे उस पर तरस आने लगा था बहुत कम उम्र में उस पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी आन पड़ी थी फिर उस पर मेरा उसके साथ व्यवहार भी अच्छा नहीं था मुझे खुद पर भी अफसोस होने लगा बेचारी थक जाती थी फिर उसे सोफे पर सोना पड़ता था एक दिन मैंने उसे कहा कि देखो मैं तुम्हें कुछ भी नहीं कहूं गा तुम्हें हाथ तक नहीं लगाऊंगा लेकिन प्लीज बैठ पर आराम से सो जाया करो कुछ नहीं कहूं गा तुम्हें कहने लगी लाइट तो बद नहीं करोगे मैंने कहा नहीं करूंगा लाइट बद उसके बाद से मैं किचन में भी उसके साथ काम में मदद करवा देता था एक दिन मैंने उसे कहा पम मुझसे दोस्ती करोगी कहने लगी नहीं मुझे आपसे दोस्ती नहीं करनी आप अच्छे ईसान नहीं है मैंने कहा क्यों मैं क्यों अच्छा इंसान नहीं हूं अब तो मैं तुम्हारी हेल्प ही करता हूं वो कहने लगी वो तो करते हैं लेकिन फिर भी मुझे आपसे डर लगता है मैंने कहा देखो अब तुम्हें मुझसे डर नहीं लगेगा मैं तुम्हारा दोस्त बन जाओगा ना इसलिए कहने लगी आप मेरे साथ कोई जबरदस्ती या बदतमीजी तो नहीं करेगे ना उस दिन जो तुमने किया था तो मेरा सांस भी रुक गया था मैंने कहा अब मैं तुम्हें हाथ भी नहीं लगाऊंगा तुम बस मुझसे दोस्ती कर लो कहने लगी मेरे करीब तो नहीं आओगे मैंने कहा नहीं करीब नहीं आओगा जब तक तुम नहीं चाहोगी वो मेरी बात मान गई अब मुझसे बातें करने लगी अब तो बहुत हंसी मजाक भी कर जाती थी मौज मस्ती भी हो जाती थी रात को जब सारे काम से फी होती तो मैं उसे मोटरसाइकिल पर बाहर ले जाकर उसे आइसक्रीम भी खिलाकर लाता काफी अच्छी लड़की थी मैं अब मान चुका था कि अनजाने में मैंने उसके साथ गलत कर बैठा था 9 महीने का टाइम भी बीत गया था भाभी को एक बार बहुत दर्द उठामा की तबीयत ठीक नहीं थी इसलिए मुझे और नीलम को भाई भाभी के साथ जाना पड़ा हम दोनों बहुत इजार में थे देखो क्या होता है बेटा या बेटी लेकिन जब डॉक्टर ने बाहर आकर हमें एक ऐसी खबर सुनाई कि हमारे कदमों के नीचे से जमीन निकल गई वह कहने लगे मिस्टर रमेश आपका बेटा हुआ है लेकिन आपकी पत्नी को हम नहीं बचा सके यह सुनना था कि हमें अपने कानों पर यकीन नहीं आ रहा था ऐसा कैसे हो सकता था रमेश भाई तो यूं थे जैसे सांस लेना भूल गए हो यही हाल नीलम का भी था कहने लगे डॉक्टर यह आप क्या कह रहे हैं ऐसा कैसे हो सकता है वह तो ठीक थी तभी वह कहने लगे कि उसका बीपी शॉट हो गया था इसलिए सब कुछ बहुत आनंद फानन में हो गया हम पर तो जैसे मुसीबत टूट पड़ी थी नीलम और भाई की सबसे बुरी हालत थी पहली बार मैंने भाई को यूं फूट फूट कर रोते हुए देखा था मैं खुद कुछ नहीं समझ पा रहा था यह सब कैसे हो गया था एक तरफ मैं भाई को संभाल रहा था दूसरी तरफ नीलम को लेकिन दोनों ही मेरे काबू से बाहर थे यह खबर जब मैंने पापा को सुनाई तो वह भी परेशान हो गए मम्मी पापा दोनों हॉस्पिटल पहुंच गए अभी तक बच्चा नर्स के पास ही था क्योंकि मैं तो उन दोनों को संभालने में लगा हुआ था मां आई तो नीलम उनके गले लगकर रोने लगी यह खबर जब नीलम के मायके में गई तो उन पर तो जैसे मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा था फिलहाल वक्त था जो गुजर गया लेकिन हमारे घर की तो ऐसे खुशियां ही खत्म होकर रह गई थी उस मासूम बच्चे को नीलम संभालने लगी वह चुप-चुप सी हो गई थी उसका सारा बचपन पहले की तरह हंसना बोलना जैसे खत्म सा हो गया था मेरा भाई भी बिल्कुल चुप रहने लगा था उससे बात करो तो लगता था अभी रो पड़ेगी एक मैं था जो भाई को तसल्ली देता था दो महीने बीत गए थे मुझे लगता था जैसे नीलम अपनी उम्र से काफी बूढ़ी हो चुकी है रात को जब वह थकी हारी आकर बेड पर बैठती चिटू रोने लगता रमेश भाई का बेटा था वोह उसे चुप करवाने लगती अब तो मुझे उस पर तरस आने लगा था मैंने कहा ऐसा करो उसे मुझे दे दो तुम सो जाओ थोड़ी देर आराम कर लो उसकी आंखें नीच से भरी रहती कहने लगती चीटू आपसे चुप नहीं रहेगा मेरे पास ही ज्यादा रहता है मैंने कहा मैं उसको पकड़ लूंगा इसी तरह एक साल का वक्त वद भी बीत गया और मैं नीलम के लिए तरसता रहता था लेकिन नीलम को तो घर से फुर्सत नहीं मिलती थी वह सभी घर को संभाल रही थी ऐसे में नीलम के मायके में एक और मुसीबत आन पड़ी थी नीलम का बड़ा बहनोई जो कि एक कार हादसे में उसकी मौत हो गई थी वह सभी वहां पर चले गए और रोने पीटने लगे एक ही साल में नीलम के मायके में दोदो मौत हो गई थी और यह किसी से बर्दाश्त नहीं हो रहा था बहुत जल्द उसकी बड़ी बहन को उसके ससुराल वाले ने उसको माइके भेज दिया था और कहा कि हम इसका चा नहीं उठा पाएंगे इसी तरह मेरे घर वाले और नीलम के घर वाले एक साथ इकट्ठे हुए और रमेश भाई की शादी नीलम के विधवा बहन से करा दी गई नीलम के विधवा बहन के दो बच्चे भी थे हमने उस बच्चे को भी अपना लिया था इस तरह नीलम मेरे करीब और आ गई क्योंकि यह आईडिया मैंने ही दिया था अब वह मुझसे प्यार भरी बातें करने लगी थी और मेरे करीब ही आने लगी थी अब बहुत समझदार हो गई थी और जज्बातों को भी समझने लगी थी और वह भी मुझसे प्यार भरी बातें करने लगी थी इस तरह हम दोनों का एक दिन मिलन हुआ और इस तरह हम दो जिस्म एक जान हो गए थे छ महीने के बाद ही नीलम भी प्रेग्नेंट हो गई नीलम की बहन बहुत अच्छी थी रमेश भाई उसको बहुत खुश रखते थे और उसके दोनों बच्चों को भी बाप का नाम देकर बड़ा कर रहे थे इधर चिटू भी बड़ा हो रहा था इस तरह हमारा हंसता खेलता परिवार फिर से एक बार मुस्कुरा उठा था पूरे नौ महीने के बाद नीलम ने एक प्यारी सी बेटी को जन्म दिया था जिससे मेरी खुशियों में चार चाद और लग गई थी मेरी यह कहानी आप लोगों को कैसे कैसी लगी क्या मैंने नीलम के साथ शुरू में जो किया था वह ठीक था मैं कहा दो बहनों के एक घर में आने से नाराज था उस हादसे के बाद तो हमें तीनों बहनों को इस घर में लाना पड़ा मैं इस मामले में गलत था या सही आप लोग कमेंट मैं जरूर बताइएगा इस तरह के बाल विवा राजस्था नम बिहार में होते रहते हैं इस तरह की आपबीती आप लोगों को जरूर सुनने को मिल जाएगी लेकिन मेरी आपबीती आप लोगों को कैसी लगी मुझे कमेंट में जरूर बताइएगा मैं और नीलम आज बहुत खुश है मैं अपनी पिछली जिंदगी को सोचता हूं तो बहुत दुख भी होता है और खुशी भी होती है अगर कुछ बुरा हुआ था तो फिर अच्छा भी हुआ था उम्मीद करते हैं आपको कहानी पसंद आई होगी ऐसी और कहानी सुनने के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब करना ना भूलें

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